प्रस्तावना
प्रस्तुत
लेख में हम सरदार वल्भभाई पटेल
के जीवन तथा उनके द्वारा किये
गये महत्वपुर्ण कार्यो पर
प्रकाश डालेंगे। इसके साथ ही
हम पं.जवाहर
लाल नेहरु तथा सरदार वल्भभाई
पटेल समक्ष आपसी तनाव एवं खेडा
संघर्ष और बारड़ोली सत्याग्रह
की भी चर्चा करेंगे और अन्त
में उनके नाम पर बनें महत्वपुर्ण
स्मारक तथा स्थलों के बारे
में चर्चा करेंगे।
जीवन परिचय
इनका पुरा
नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल
था। इनका जन्म 31 अक्टूबर
1875 में
गुजरात के खेडा नामक नगर में
हुआ था। वे लेवा पटेल पाटीदार
जाति से थे तथा इनके पिता जी
का नाम झावेरभाई पटेल था तथा
माता का नाम लाडबा देवी था।
वे अपने पिता की चौथी संतान
थे सरदार पटेल कुल चार भाई थे।
जिनमें सोमाभाई,नरसीभाई,विट्लभाई
बड़े थे तथा सरदार पटेल चौथे
एवं सबसे छोटे थे।.वे भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री थे।.
शिक्षा एवं कार्य
सरदार पटेल
महात्मा गांधी जी के विचारों
से बहोत प्रभावित थेे। उन्होने
लन्दन से बरेस्टर की यानि
वकालत की डिग्री हासिल की और
वापिस आकर अहमदाबाद में वकालत
करना प्रारम्भ किया।.
जल्द ही वे
आज़ादी की लड़ाई में शामिल
हुए,इस
प्रकार पटेल जी राजनेता,स्वत्रंता
सग्राम सेनानी एवं अधिवक्ता
बनें। 1947 के
समय काल में जब भारत-पाकिस्तान
युध्द चल रहा था तब उन्होने
भारत के ग्रहमंत्री के रुप
में कार्य किया। पटेल जी ने
भारत की 562 छोटी-बड़ी रियासतों
को एक जुट करके,भारत
संघ में शामिल भारतीय एकता
का निर्माण किया।.
इतिहास गवाह
है कि आज तक ऐसा कोई व्यक्ति
पैदा नही हुआ जिसने इतनी बड़ी
संख्या में राज्यों अथवा
क्षेत्र विशेष को एकजुट किया
हो। हालंकि नमक सत्याग्रह के
बाद महात्मा गांधी स्वतंत्रता
संग्राम के मुख्य नेता बने,
मगर वे भी इस
कार्य को पुर्ण करने में सक्षम
न थे। इस बात का प्रमाणीकरण
हमें गोलमेज सम्मेलन से मिलता
है। गोलमेज सम्मेलन के दौरान
सभी रियासतों के नेता अपने
लिए एक अलग देश कि मांग करने
लगे,यहांं
तक की बी.आर
अम्बेडकर ने भी अछूतों के लिए
एक नये देश की मांग रखी थी।.कुछ
विद्वानों का यहां तक कहना
है कि अगर गोलमेज सम्मेलन में
गांधी जी की जगह सरदार पटेल
गये होते तो भारत-पाकिस्तान
बंटवारा तक नही होने देते।.सरदार पटेल
की दो संताने थी,उनके
बेटे का नाम दशाननभाई पटेल
एवं बेटी मणिबेन पटेल था।.15 दिसम्बर 1950
में उनका देहांत
मुम्बई में हुआ। उनके देहांत
के चालीस वर्ष बाद भारत सरकार
नें भारत रत्न से सम्मानित
किया।.31 अक्टूबर
2018 को
नरेन्द्र मोदी जी की बी.जे.पी.
सरकार ने उनके
स्मारक के तौर पर स्टेट्चु
आफ युनिटी की स्थापना गुजरात
में करवाई।.यह
स्मारक स्टेच्यू आफ लिबर्टी
से दो गुना बड़ी है। अंकड़ो
के मुताबिक मुर्ति का आधार
58 मीटर
का है तथा मुर्ती 182 मीटर
की है इस प्रकार स्मारक की
लम्बाई 240 मीटर
की है।.
उनके द्वारा किये गये मह्त्वपुर्ण कार्य
- 562 देशी रियासतों का एकीकरण पटेल जी द्वारा किया गया।
- खेड़ा संघर्ष- 1918 को गुजरात के खेडा खण्ड में जब भंयकर सुखा पड़ा जिसके कारण फसल उस वर्ष नहीं हो पायी। किसानों को अग्रेजों को लगान के रुप में अनाज देना पड़ता था जिसे अंग्रेज सरकार जबरन वसूल करना चाहती थी मगर किसान देने सक्षम न थे। तब सरदार पटेल एवं गांधी जी के समर्थन से लोग एकजुट हुए।. परिणास्वरुप अंग्रेजो के जनता के समक्ष अपनी हार स्वीकार करनी पडी। अतः सरदार पटेल जी के प्रयासों से किसानों का कर एक वर्ष के लिए माफ कर दिया गया।.
- बरडोली सत्याग्रह- 1928 में यह सत्याग्रह गुजरात के बरडोली क्षेत्र में हुआ। इस सत्याग्रह का नेर्तत्व सरदार पटेल ने किसानों कि तरफ से किया।.विद्रोह के पिछे का मुख्य कारण अंग्रज़ी सरकार द्वारा कर में 30 प्रतिशत कि बढ़ोत्तरी करी गयी थी जिसे किसान देने में सक्षम नही थे।.इस सत्याग्रह को सरकार द्वारा कठोरता पुर्ण दबाने का प्रयास किया गया। मामले को सरदार पटेल ने मामले को न्यायिक अदालत में पेश किया। इस न्यायिक अधिकारी ब्लूमफिल्ड थे तथा राजस्व अधिकारी मैक्सवेल थे दोनो ने मामले की जांच और अन्त में किसानों कि समस्या को देखते हुये। कर की राशी 22 प्रतिशत से घटा कर 6.3 प्रतिशत कर दी गयी।.इस जीत की खुशी में क्षेत्रीय लोगों पटेल जी को सरकार की उपाधि से नवाज़ा।.
उनके नाम पर बनी महत्वपुर्ण स्मारक
- स्टेच्यु आफ यूनिटी- इस की स्थापना मोदी सरकार द्वारा 31 अक्टूबर 2018 में गुजरात राज्य मे करायी गयी। 562 देशी रियासतों को एक जुट करने के उपल्क्ष में उन्हें एकता के प्रतिक रुप में प्रदर्षित करने के लिए इस स्मारक का निर्माण कराया गया। यह प्रतिमा अमेरिका के स्टेच्यु आप लिबर्टी से दो गुणा बड़ी है।.
- सरदार वल्लभभाई पटेल विश्वविद्यालय- इस विश्वविद्यालय की स्थापना 31 अक्टूबर 1955 में गुजरात राज्य में की गई।. विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. निरंजन पटेल है और कुलाधिपति गुजरात के राज्यपाल है। विश्वविद्यालय के निर्माण में चरोतर एजुकेशन सोसाइटी जो कि 1945 धर्मार्थ शिक्षा ट्रस्ट के रुप में पंजीकृत हुई, की मह्त्वपुर्ण भूमिक थी।.
- सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय-इसकी स्थापना 2 अक्टूबर 2000 को उत्तर प्रदेश के कृषि विद्यालय अधिनियम संशोधन 1858 के आधार पर की गई।. जो कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा वित्त पोषित है,इसके साथ ही विद्यालय,विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- सरदार वल्लभाई पटेल इंदौर स्टेडियम- इसकी स्थापना 1957 में मुम्बई में की गई। स्टेडियम की आधार शिला महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चौहान ने रखी थी।.स्टेडियम में एक साथ 5000 हज़ार लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई हैं। स्टेडियम का प्रबंधन नेशनल क्लब आफॅ इंडिया के माध्यम से किया जाता है।.
- सरदार वल्लभभाई पटेल अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा- यह भारत के गुजरात राज्य में स्थापित किया गया है। अपने शुरुआती दिनों में इसका नाम अहमदाबाद अन्तराष्ट्रीय हवाई अड्डा था। यह भारत का सातवां सबसे व्यास्त हवाई अड्डा है। यह भारतीय विमानपत्तन प्रधिकरण द्वारा संचालित किया जाता है तथा इसकी स्थापना 1937 में की गई थी।.वर्ष 2015 में मोदी सरकार द्वारा हवाई अड्डा निजीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई,जिसके तहत सबसे उंची बोली लगाने वाली कंपनी अडानी समूह द्वारा इसे अधिक्रत किया गया है तब से यह अड़ानी समूह द्वारा संचालित किया जा रहा है।.
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