प्रस्तावना
प्रस्तुत लेख में हम महान समाज सुधारक एनी बेसेंट तथा उनके द्वारा किये गये महत्वपुर्ण कार्यों के बारे में जानेंगे। वे भारतीय नही थीं उनका जन्म लन्दन में एक आयरिश परिवार में हुआ था इसके बावजूद उनका भारत से गहरा सम्बन्ध था। एनी बेसेंट ने बचपन से ही बहुत कष्ट सहे जब वे 5 साल की थी तभी उनके पिता का देहांत हो गया था जिसके चलते इनका प्रारम्भीक जीवन कफी गरीबी में बीता ,इसके बाद उनका दाम्पत्य जीवन भी सुखद नही था पादरी पती होने के बावजूद दोनो में आपसी तनाव रहता था, सरकार द्वारा उनके बच्चों को भी उनके पति को सौपं दिया गया। इन सभी कष्टमयी घटनों के कारण भी तनीक हताश नही हुई और उन्होने दो महत्वपुर्ण पत्रीका तथा महिला सुधार कानूनों पर महत्वपुर्ण कार्य किया।.
प्रारम्भीक जीवन
एनी वेसेंट एक महिला समाज सुधारक,होम रुल कार्यकर्ता,भारतीय राष्ट्रवाद की प्रचारक,थियोसोफिस्ट,फीमेसन तथा लेखक थीं। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1847 में लन्दन के एक आयरिश परिवार में हुआ। उनकी माता का नाम एमिली माॅरिस और पिता का नाम विलियम वुड़ था। जब वे मात्र पांच वर्ष की थीं तभी उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके कारण उन्हें अपने शुरुआती दिनों में काफी गरीबी का सामना करना पड़ा। उनकी प्रारम्भीक शिक्षा में माँ की सहेली द्वारा पुर्ण करायी गयी।1867 में 19 वर्ष की उम्र में उन्होने फ्रैंक बेसेंट नामक पादरी से शादी की। शादी के शुरुआत से ही पति-पत्नी में तनाव रहने लगा। पादरी होने के नाते फ्रैंक भी कुछ अच्छी आजीविका नही कमा पाते थे,इनकी दो संताने हुईं।. इनके बेटे का नाम आर्थर तथा बेटी का नाम माबेल था।.
फ्रैंक तीसरा बच्चा भी चाहते थे मगर एनी बेसेंट जानती थीं कि ऐसा करने से परिवारिक तनाव और बढ़ जायेगा अतः उन्होने तीसरा बच्चा नही किया। कुछ दिन बाद फ्रैंक ने एनी वेसेंट को कन्युनियन समुह में जुड़ने का न्यौता दिया जिसे एनी बेसेंट ने ठुकरा दिया।. अतः धार्मिक मतभेदो के कारण उनके पति ने इनको तलाक दे दिया मगर बच्चों की देखरेख इन्हीं के पास रही।.मगर कुछ वर्षों के बाद फ्रैंक ने कोर्ट के समक्ष अच्छी दलीलें दे कर उनके दोनों बच्चों की कस्टडी को इनके पति को सौंप दिया। जिसके कारण वे बहुत दुःखी हुयीं।.
उनके द्वारा किये गए कार्य
- 1893 में वे भारत आयीं।1898 में सेन्ट्रल हिन्दू स्कूल की स्थापना करने में अपना समर्थन दिया। 1907 में थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना की जिसके परिणास्वरुप वे 1847 से 1933 में वे थिसोफिकल सोसाइटी की अध्यक्ष रहीं। 1916 में बाल गंगाधर तिलक के साथ सहयोग से भारतीय होम रुल लीग की स्थापना करी। इसके बाद 1917 में INC यानि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष बनीं।1918 में स्काउट आंदोलन का नेतृत्व उनके द्वारा किया गया। अपने अंतिम समय में वे काफी बीमार रहने लगीं। उनका देहांत 1935 में 85 वर्ष की उम्र में मद्रास के अडयार में हुआ।.
- एनी बेसेंट द्वारा लिखी गयी महत्वरुपुर्ण किताबे द बर्थ आफॅ न्यू इण्डिया,द फ्युचर आफॅ इण्डियन पोलटिक्स,इण्डियन आर्ट,लेटर टू ए यंग इण्डियन प्रिन्स, इण्डिया बाउण्ड्स आर फ्री आदि लिखीं इसके अलावा उन्होने अपनी जीवनी भी लिखी जिसे 1893 में लंदन के टी फिशर अनवीन से प्रकाशित किया गया था।.
- उन्होने दो महत्वपुर्ण समाचार पत्र द न्यू इण्डिया और काॅमन वेल की स्थापना की।
- 1916 में होम रुल लीग कि स्थापना करके उन्होने भारतीय जनता को अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।.
- बनारस हिंन्दू विश्वविद्यालय के निर्माण में महत्वपुर्ण योगदान दिया।
- अदियार आर्टस लीग की स्थापना करी जो कि शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रोत्साहन करती है।
- मद्रास पार्लियामेंट की स्थापना भी एनी बेसेंट द्वारा करी गयी थी।
- अदियार विश्वविद्यालय की स्थापना में महत्वपुर्ण योगदान दिया।.
उनके नाम पर बने महत्वपुर्ण कार्यस्थल
- इन्दौर में एनी बेसेंट स्कूल की स्थापना सन 2000 में नरायण दास यादव शिक्षा प्रसार समीति द्वारा की गयी। यह स्कूल सी बी एस सी पैटर्न पर आधारि 10 प्लस 2 तक अंग्रेज़ी माध्यम की शिक्षा प्रदान करता है।.
- एनी बेसेंट इण्टर नैशनल स्कूल की स्थापना बिहार राज्य की राजधानी पटना में श्याम बिहारी प्रसाद एजुकेशनल एंड कल्चरल ट्रस्ट के माध्यम से 2010 में स्थापित करवाया गया।.जो कि सी बी एस सी बोर्ड से एफिलियेट करता है।
- एनी बेसेंट के नाम हर राज्य महीला शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए महीला विद्यालय की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है।.
महत्वपुर्ण प्रश्न
- एनी बेसेंट ने भारत के लिए क्या किया?-वे एक समर्पित ग्रहणी थीं उन्हे अपने पति और बच्चों की सेवा करना अच्छा लगता था। मगर उनके कार्यों एवं उनके बलिदान को अन्देखा किया गया,जिसके कारण अपने साथ हो रहे शोषण के प्रति आवाज़ उठाई।
- एनी बेसेंट ने भारत के लिए क्या किया?-1893 में भारत आने के बाद इण्डियन होम रुल लीग की स्थापना करी,इसके अलावा वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष थीं।
- एनी बेसेंट के अनुसार महिलाओं कि शिक्षा क्या है?-उन्होने भारतीय स्त्री शिक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर लाने का प्रायस किया । उन्होंने कहा राष्ट्रीय जीवन स्तर पर महिलाओं के स्थान के बारे में सामान्य हिन्दू धाराणाओ को स्वीकार करना चाहिए न की बौने आधुनिक द्रष्टिकोण को बल्कि प्राचीन आदर्शो को।.उन्होंने कहा महिलाओं को भी पुरषों कि तरह समानता का अधिकार सम्मान मिलना चाहिए।.
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