9b45ec62875741f6af1713a0dcce3009 Indian History: reveal the Past: मार्वी (एक सच्ची प्रेम कहानी)

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शुक्रवार, 3 मई 2024

मार्वी (एक सच्ची प्रेम कहानी)

marvi

प्रस्तावना

प्रस्तुत लेख में हम सिंध की रहनी वाली और अपने समयकाल की एक खूबसूरत महिला मार्वी के जीवन पर प्रकाश डालेंगे, इसके साथ ही हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि एक स्त्री का संपूर्ण जीवन कितना कष्टमय होता है।. तथा वर्तमान समय में स्त्री समाज को किन कष्टों से गुजरना पड़ता है इस पर चर्चा करेंगे।. मार्वी की कहानी दुनियां के प्रत्येक कोने में रहने वाली स्त्री का दर्द बयां करती है।.

मार्वी की कहानी

मार्वी की कहानी को सिंध लेखक एवं सुफी कवि शाह अब्दूल लतीफ अपनी किताब शाहजो रसालो में लिखते है। शाहजो रसालों में सात नायिकाओ का जिक्र है उनमें मार्वी भी एक हैं। पाकिस्तान के थर के क्षेत्र में मले नामक एक खूबसूरत स्थान था यान्हा मारो नामक जनजाति वास किया करती थी।. कुछ समय अंतराल के बाद मारो जनजाति के कुछ लोगो गुजरात के काठियावाड़ क्षेत्र ने आकर बस गए।. इसी क्षेत्र ने पालेन नामक किसान और उसकी पत्नी मांडवी रहा करते थे। वे अपना गुजारा खेती किसानी करके किया करते थे। इनके घर एक खूबसूरत लड़की का जन्म हुआ।. जिसका नाम इन्होंने मार्वी रखा इकलौती बेटी होने के नाते मार्वी को उसके मां बाप ने बड़े लाड प्यार से परवरिश की।.

इस प्रकार कहानी की शुरूआत मार्वी के 14 वर्ष पूर्ण होने के बाद होती है। गांव के ही लड़के खेथ से मार्वी को प्रेम हो जाता है और खेथ भी मार्वी से बहुत प्रेम करता था।. गांव का ही एक अन्य थोक नामक लड़का भी मार्वी से प्रेम करता था और जबरन अपने प्रेम को मार्वी पर थोपने का प्रयास करता था।. उसने कई बार खेथ को मार्वी को गलत प्रमाणित य साबित करने के प्रयास किए।. मगर मार्वी-खेत के आपसी प्रगाढ़ प्रेम के चलते वे एक दूसरे को अपनी बातें साझा कर दिया करते थे। जिसके कारण उनके मन का द्वंद समाप्त हो जाता था।. अतः घर वालों को इनके प्रेम के बारे में पता चला।. उनके आपसी प्रेम के बारे में पता लगने पर घर वालों ने इनकी सगाई कर दी।.
अतः थोक प्रेम में अपनी हार देखकर और मार्वी के विवाह को रूकवाने के ख्याल से उमरकोट के नवाब उम्रसोमृत के दरबार में जाकर मार्वी के हुस्न की तारीफ में शायरी की नज़्म पेश करता हैं।. जिसे सुनकर नवाब के मन में मार्वी को देखने की इच्छा उठती है।.

उम्रसोमृत

अमरकोट से लगभग 160 किलोमीटर दूर नगर पारकर सिंध के क्षेत्र में मार्वी रहा करती थी।.आपको बताते सिंध वर्तमान समय में पाकिस्तान का एक राज्य है, जिसकी सीमा भारत के राजस्थान एवं गुजरात राज्य से लगती हैं। अतः एक दिन नवाब उम्रसोमृत ने एक सामान्य व्यक्ति का रूप बना कर घोड़े पर बैठ कर नगर पारकर में आया।. उस समय मार्वी अपने सहेलियों संग कुंए पर पानी भर रही थी। अतः नवाब ने पानी पीने की इच्छा जताई। बार बार नवाब के आग्रह करने पर मार्वी पानी पिलाने के लिए आगे बढ़ी। मगर नवाब ने मौका पाकर मार्वी को जबरन पकड़कर घोड़े पर बिठा लिया और अपने राज महल उठा लाया।.नवाब मार्वी को अपने राजमहल ले तो आया उसे लगा उसकी शान और शौकत एवं संपूर्ण सुख सुविधाओं को देख कर उसका दिल परिवर्तित हो जायेगा और वे खेत को भूलकर उससे शादी कर ले गी।. 

मगर मार्वी का दुःख वे स्वयं ही जानती थी। नवाब ने मार्वी को लगभग एक वर्ष तक अपने पास रखा वे रोज उसके पास जाता और उसके हृदय परिवर्तन का प्रयास करता।. इस तरह से नवाब का उसे भगा कर लाना मार्वी मुनासिब न था अपने माता पिता और अपने क्षेत्र विशेष को याद करते हुए वे बहोत रोती।. अतः बहुत दिनों तक अन्न जल त्यागने के कारण मार्वी बीमार पड़ गईं। मार्वी की बुरी हालत देख नवाब उसके पास आया और अंतिम बार अपने विवाह का प्रस्ताव उसके सामने रखा। जवाब में मार्वी बोली अब देर हो चुकी है मेरा अंतिम समय आ गया है मेरे मरने के बाद मेरे शरीर को मेरे घर पहुंचा देना ताकि एक बार मैं फिर से जी उठूं।.

मार्वी की बातों को सुनकर नवाब को बहुत दुख हुआ और अपनी गलती का एहसास भी।.अतः वे मार्वी को उसके घर छोड़ आया।. मार्वी अपने घर आकर बहुत खुश थी और धीरे धीरे उसका स्वास्थ्य भी ठीक होने लगा, मगर यह खुशी कुछ ही दिनों की मेहमान थी।. मार्वी के गांव के लोगो ने उसके बारे में उल्टी सीधी अफवाहें उड़ना प्रारंभ कर दिया।. पाक दमानी यानी पवित्र होने को लेकर मार्वी के चरित्र पर कीचड़ उछाला गया।. दुनिया के उल्टे सीधे व्यंग सुन सुन कर मार्वी फिर से दुखी रहने लगी वो अपनों के बीच में खुश रहने के लिए वापिस आई थी।.मगर यहां भी उसे उन्ही कष्टों को साहना पड़ा जो नवाब के घर पर सहती थी।.वे चाहती तो नवाब से शादी करके अपने घर वापिस आ सकती थी मगर ऐसा करके वो खेथ को धोखा नहीं देना चाहती थी।. 

अतः वह स्वयं पे हो रहे इस अत्याचार को न तो वे सह पा रही थी और न ही जवाब दे पा रही थी।.दरअसल जब वे पहले साथ थे तब थोक के प्रयासों द्वारा उनके रिश्ते को बदनाम करने पर वे एक दूसरे से मिलकर बाते साझा कर लिया करते थे जिसके कारण मार्वी और खेथ में प्रगाढ़ प्रेम बना रहता था। अबकी बार नवाब के जबरन एक वर्ष तक मार्वी के राजमहल में रखने के कारण वे अपनी पवित्रता का प्रमाण देने में सक्षम नहीं हो पा रही थी।शायद उसके अपने घर वाले और करीबी ही उसके दिल का हाल जानते थे। उसके खुश रहने के प्रयास के चलते खेथ और मार्वी के घर वालों ने उनकी शादी करवा दी।.मगर शादी की रात में खेथ से अपने प्रेम का प्रमाण न दे पाने में असफल होने और अपनी पवित्रता को प्रमाणित करने के लिए मार्वी ने अपनी जान दे दी।.

मार्वी के मरने के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल हो गया लोगो को अपने किए पर पछतावा होने लगा। मार्वी को आज भी एक नेक दिल महिला के रूप में याद किया जाता है।.
मार्वी की कहानी यह प्रमाण है की एक नेक दिल इंसान को अपने जीवन भर कई कष्टों का सामना करना पड़ता है।
(यह घटना बताती है कि उस समय नारी समाज की स्थिति काफी दयनीय थी।)

वैसे हमारा इस समाज से पूछना है कि अगर यही कार्य पुरुषों द्वारा किया जाता तो इसे बुरा नही माना जाता है। ये इतिहास में प्रमाण भी रहा है की राजाओं द्वारा 4 से ज्यादा रानियां और उनसे अधिक पटरानी एवं इन सभी से अधिक जबरन उनकी मर्जी के खिलाफ स्त्रीयों को रखने का चलन रहा है ऐसे में उनके बारे में आपके क्या विचार है।. बदले में यही समाज उन्हें सम्राट नवाब और न जाने किन किन उपाधियों से नवाज़ता है।. हाल ही के दिनों में Coke Studio India session 15 में ayi ayi गीत प्रस्तुत किया गया है। ये गीत मार्वी के सिंध वापिस आने की खुशी में गाया गया था। मगर मार्वी के दर्द को  Coke Studio India session 12 के episode 4  हैरान हुआ नामक गीत सही तरीके से परिभाषित करता है।. इस गीत में गीतकार सनम मार्वी ने अपनी आवाज दी है।.

भारत सरकार द्वारा नारी समाज के लिए गए महत्वपूर्ण कार्य

  1. शिक्षा का अधिकार प्रत्येक सरकारी स्कूल में लगभग 50 प्रतिशत सीटों पर भारत में 6 से 14 वर्ष की आयु वर्ग में आने वाली लड़कियों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार है।.
  2. कन्या भ्रूण हत्या निषेध अधिनिनियम 1994 के चलते प्रसव से पहले लिंग की जांच करवाना कानूनन अपराध घोषित किया गया है।
  3. भारतीय कानून महिलाओं को live in relationship में रहने का अधिकार प्रदान करता है। एवं महिला लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए अपने साथ हो रही हिंसा के प्रति कार्यवाई घरेलू हिंसा के अधिनियम के तहत करवा सकती है।.
  4. शादी के उपरांत पति की मृत्यु या पति के दूसरी शादी करने पर गुजारा भत्ता की मांग करने और आधी संपत्ति की हकदार होती है। एवं पति की मृत्यु के बाद अपने ससुर से गुजरा भत्ता की मांग कर सकती है।.
  5. दहेज प्रथा अधिनियम के चलते दहेज लेने और देने की शिकायत पर 5 साल की कैद हो सकती है।.
  6. इसके साथ ही एक महिला बिना वकील के भी कोर्ट में जा सकती है।.इन सभी कानूनों के बावजूद भी महिलाओं की स्थिति में सुधार न के बराबर देखा गया है।.

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