प्रस्तावना
प्रस्तुत लेख में हम गडकरी विद्रोह के मुख्य कारणो,कोल्हापुर रियासत तथा इसका मराठा साम्राज्य से सम्बन्ध,कोल्हापुर अथवा मराठा साम्राज्य के प्रमुख शासकों तथा कोल्हापुर के प्रमुख पर्यटन स्थलो के बारे में चर्चा करेंगे।.इसके साथ हि हम कोल्हापुर में अंग्रेजो द्वारा किये गये राजनीतिक पुनर्गठन पर भि चर्चा करेंगे।.
विद्रोह का मुख्य कारण
यह विद्रोह महाराष्ट्र के कोल्हापुर क्षेत्र में बाबा जी अहिरकेरकर के द्वारा किया गया था।. वे गडकरी समुदाय से सम्बन्ध रखते थे।.गडकरी समुदाय मराठा साम्राज्य के दुर्ग में सैनिक सेवा प्रदान करते थे।. दूर्ग का अभिप्राय किला से है।.अपनी सेवा के बदले में इन्हे माराठा शासको से कर मुक्त भूमि प्रदान कि जाती थी।.1818 में मराठा साम्राज्य के पतन होने के बाद अंग्रेजो ने कोल्हापुर में अनेक प्रशासनिक सुधार किये,जिसके चलते भूमि कर 10 प्रतिशत और अधिक बढा दिये गया।. इसके साथ ही गडकरी समुदाय से कर मुक्त भूमि छिन ली गई।.परिणाम स्वरूप गडकरी समुदाय बेरोजगार तथा अन्न विहीन हो गया।.अतः अंग्रेजो से अपने अधिकारो और ज़मिनों को प्राप्त करने के लिए यह विद्रोह किया गया।.
गडकरी विद्रोह का विस्तृत परिचय
यह एक मराठा रियासत थी जो कि मराठा साम्राज्य के दक्कन क्षेत्र के अंतरगत आती थी।.कोल्हापुर रियासत मराठा साम्राज्य की चौथी सबसे महत्वपुर्ण रियासत थी।.मराठा कि अन्य रियासतो कि बात करें तो इनमें 1.इंदौर कि रियासत 2.बडौदा कि रियासत 3.ग्वालियर कि रियासत आदि प्रमुख थी।.कोल्हापुुर कि रियासत दक्कन कि रियासत के नाम से भि प्रसिध्द थी।.इस पर भौसले राज वंश का शासन था।.यहां के मुख्य राजाओ के नामो में शाहू जी दिव्तीय 1894-1922 का नाम मुख्य रूप से लिया जाता हैं।.यह सभी रियासते मराठा राजा शिवाजी के प्रत्यक्ष वंशज है।. सतारा में मराठा राजा शाहू जी का शासन था तथा कोल्हापुर में सांभा जी द्व्तिय का शासन था।.सांभा जी राजा राजाराम की दुसरी विधवा राजसबाई के बेटे थे।.अपने शुरूआति शासन काल के दौरान सांभाजी द्व्तिय ने अपने चचेरे भाई साहू जी से उनका साम्राज्य छिनने के लिए निज़ाम के साथ गठबंधन किया था।.मगर 1728 में पालखेडा कि लडाई में बाजीराव प्रथम से हारने के बाद निजाम ने सांभा जी के प्रति अपने समर्थन को समाप्त कर दिया।.अतः 1731 में सांभाजी दिव्तीय ने अपने चचेरे भाई शाहु जी के साथ वर्ना की संधि पर हस्ताक्षर किए।.1765 में अंग्रेजो ने कोल्हापुर पे प्रथम अक्रमण किया और 1792 में कोल्हापुर पर दुसरा आक्रमण किया।.जिसके परिणामस्वरूप मराठा साम्राज्य का पतन हो गया।.1843 में कोल्हापुर राज्य पर शासन करने के लिए अंग्रेजो द्वारा दाजी कृष्ण पण्डित रिजेंट को नियुक्त किया गया।.क्योकि कोल्हापुर में कोई उत्तराधिकारी नही था।.परिणामस्वरुप शासन को चलाने के लिए अंग्रेजो के एजेंट और रिजेंट से निर्देश लिये गए।.अंग्रेजो द्वारा प्रशासनिक सुधार के माध्यम से भूमि कर कि राशि को 10 प्रतिशत और अधिक बढ़ा दिया।.जिसके चलते प्रजा में असंतोष फैल गया।.परिणामस्वरुप प्रजा कि नाराज़गी ने गडकरी विद्रोह का रूप धारण कर लिया।.1844 ई0में अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह कि शुरुआत सेवानिवृत सैनिको ने खुद को पन्हाला तथा विशालगढ़ बंद करके कि।.
कुछ समय बाद विद्रोह ने अपना विशाल रुप धारण करते हुए शामनगढ़ तथा भुदरगढ़ के दूर्ग पर अपना अधिकार कर लिया।.मगर संख्या में कम होने के कारण अंग्रेजो के राजनितीक ऐंजट तथा रेजेंट ने मिलकर बाबा जी अहिरेकर के नेतृत्व वाली मिलिशीया बल को पकड़ लिया।.साथ ही साथ बाबा जी अहिरेकर कि हत्या कर दि गई।.इनकी मृत्यु के साथ हि गड़करी विद्रोह हल्का पड गया।. अंत में अंग्रोजो कि जीत हुई।.कोल्हापुर साम्राज्य के अंतिम शासक माहाराज शाहजी दुतिय थे।.1947में भारतीय स्वत्ंत्रता के बाद कोल्हापुर भारतीय डोमेनियन में शामिल हुआ।.1 मार्च 1949 में कोल्हापुर का बाम्बे राज्य में विघटन हो गया।.इसके बाद फिर 1960 बाम्बे राज्य को दो भाषाओ के आधार एक बार फिर गुजरात और माहाराष्ट्र राज्यो के रुप में विभाजित किया गया।.
महत्वपुर्ण स्मारक एवं पर्यटन स्थल
1.तीन दरवाजा 2.DYP सिटी माॅल 3.कलंबा झिल 4.राधा नगरी वन्यजीव अभ्यारण्य
5.विशाल गढ़ किला 6.पन्हाला किला 7.नया महल 8.ज्योतिबा मंदिर
9.सिध्दगिरी ग्राम जीवन संग्राहलय10.ड्रिम वर्ड वाटर पार्क 11.शालिनी पैलेस
12.छात्रपति शाहु जी माहाराज राजमहल 13.सुन्दर माहा लक्ष्मी मंदिर 14.रकंला झिल
15.माहाराष्ट्र कि प्राचिन झील
कोल्हापुर के महत्वपूर्ण शासक 1710 – 1947 तक
1.शिवाजी दुतिय-1710
2.संभाजी दुतिय-1714
3.रानी जीजाबाई-1760
4.शिवाजी त्रितिय-1762
5.संभाजी त्रितिय-1813
6.शिवाजी चतुर्थ-1821
7.शाहजी रीजेंट-1822
8.शाहजी-1838
9.रानी सांईबाई fरिजेंट -1845
10.शिवाजी V-1866
11.राजाराम दुतिय 1866-1877
12.रानीतारा बाई 1870-1871
13.शिवाजी VI 1871-1883
14.रानी आनंदबाई 1883- 1884
15.शाहू छत्रपति जशवंत 1884-1900
16.जयसिंहाराव घाटगे रीजेंट 1884-1885
17.शाहू छत्रपति 1900-1922
18.राजाराम तृतिया 1992-1940
19.ताराभबाई F रीजेंट 1940-1942
20.शिवाजी सप्तम 1942-1946
21.ताराभबाई F रीजेंट दुसरी बार 1947
22.शाहजी दुतिय 1947से 1983
23.शाहू दुतिय 1983
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