9b45ec62875741f6af1713a0dcce3009 Indian History: reveal the Past: हमारा राष्ट्रगीत

गुरुवार, 18 जनवरी 2024

हमारा राष्ट्रगीत

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प्रस्तावना

प्रस्तुत लेख में हम भारतीय राष्ट्रगीत से सम्बंधित महत्वपूर्ण घटनाओं जैसे rashtra geet kisne likha, ravindra nath tagore कौन थे?और सर्वप्रथम rashtra geet किसने और कब गाया था ।.उस समय काल से सम्बन्धित महत्वपूर्ण घटनाओं को भी देखेंगे।.इसके साथ ही राष्ट्रगीत से सम्बन्धित तथ्यों कुछ अंधविश्वासों तथा महात्मा गांधी जी एवं कांग्रेस पार्टी के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में भी जानेंगे।.

हमारा राष्ट्रगान

जन-गन-मन अधिनायक जय-हे भारत भाग्य विधाता । पंजाब - सिंधु - गुजरात - मराठा - द्राविड़ -उत्कल- बंग । विंध्य- हिमाचल - यमुना - गंगा उच्छल जलधी तरंग । तब शुभ नामे जागे तब शुभ आशीष मागे । गाहे तब जयगाथा। जन-गन मगंलदायक जय-हे भारत भाग्य विधाता । जय-हे जय-हे जय-हे जय जय जय हे ।।

व्याख्या

देश प्रेम से परिपूर्ण एक ऐसी संगीत रचना जो देश के इतिहास, सभ्यता, संस्कृति,और प्रजा संघर्ष की व्याख्या करती है। आइए अपनी राष्ट्रगान की सम्पूर्ण व्याख्या देखते है।

" सभी लोगो के मस्तिष्क के शासक कर्ता तुम हो,

भारत की किस्मत बनाने वाले।."

(उपर्युक्त पंक्ति भारतीय नागरिक को समर्पित है क्यूंकि लोकतंत्र में नागरिक ही स्वामी होता है)

"आपके देश समर्पण के कारण आपका नाम पंजाब,सिंध,गुजरात और मराठों बंगाल, उड़ीसा और द्राविड़ण के दिलो मे जोश से भरता देता है। इसकी धून विंध्य और हिमाचल की पहाड़ियों में भी सुनने को मिलती है और गंगा ,यमुना के संगीत में मिलती है और भारत के समुद्र की लहरों द्वारा गुणगान किया जाता है।" (उपर्युक्त पंक्ति भारत देश की भूमि को नमन करती है) "हम तुम्हारे कृपा के लिए प्रार्थना करते है और तुम्हारी गुणगान करते है,अब तुम्हारे हाथ में ही हम सभी की सुरक्षा का जिम्मा है।तुम भारत की किस्मत बनाने वाले हो।."
( उपर्युक्त पंक्ति भारतीय सैनिक और भारतीय किसान के लिए कही गई है।.)

भ्रांतियां एवं अंधविश्वास

1.राष्ट्रगीत या राष्ट्रगान

दोस्तो हमारा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् है और राष्ट्रगान जन गण मन है।

राष्ट्रगीत की सम्पूर्ण पंक्तियां निम्न प्रकार है। इस गीत को बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा लिखा गया।. स्वतंत्रता की लड़ाई में लोगो के लिए प्रेरणा स्रोत था।.इस गीत को हमारे राष्ट्र गान के सामन ही सम्मान प्राप्त है।.7 नवंबर 1985 को यह गीत प्रसिद्ध उपन्यास आनन्द मठ से लिया गया है। यह सम्पूर्ण 52 सेकेंड की अवधि में गया जाता है।

"वंदे मातरम् वंदे मातरम्

सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम्

शश्य श्यामलाम मातरम वंदे मातरम्

सुब्रज्योत्सना पुलकित यामिनीम्

पुल्ल कुसुमित द्वुमदल शोभिनीम्

सुहासिनी सुमधुर भाषिनीम्

सुखदाम वरदाम मातरम..... वंदे मातरम्।।.

व्याख्या

हे माता हम तुम्हे प्रणाम करते है,जिसने हमें पोषित किया। जिसकी भूमि,स्वच्छ जल,सुंदर फूलों से युक्त जिसके आंचल में मलयज पर्वत है। जन्हा की ठंडी या सुकून देने वाली हवा यहां की भूमि को महकती हैं। जिसकी रक्षा में हिमालय पर्वत विराजमान है। हे जन्म भूमि तुम्हे प्रणाम है।जिसकी धरा पर चन्द्रमा की शीतल छाया और सफेद उम्मीद रूपी प्रकाश पड़ता है, जिसकी वजह से फूल कलियां खिल उठती है, जहां के लोग मधुर वचन बोलते है। जहां सुख स्मृद्धि का वरदान प्राप्त है।

हे जन्म भूमि हम तुम्हारी वंदना करते है।.

दोस्तो राष्ट्रगीत को लेकर किसी के भी मन में कोई समस्या नहीं है। मगर हमारे राष्ट्रगान को लेकर सभी के मन में बहोत सी भारंतीय है।जैसे राष्ट्रगान सर्वप्रथम कब गया है? और किसके लिए गाया गया? राष्ट्रगान को सर्वप्रथम किसने गाया आदि।.

सर्वप्रथम राष्ट्रगान कब गाया गया

दोस्तो राष्ट्रगान की रचना श्री रविन्द्रनाथ टैगोर द्वारा 1905 में बगांली भाषा मे की गयी थी।. पुरे राष्ट्रगान में 5 पद हैं और पुरे राष्ट्रगान को 52 सेेेकेण्ड की आवधी के अदंर गाया जाता हैं।. हमारे राष्ट्रगान को 24 जनवरी 1950 को नेशनल ऐन्थम आफॅ इण्डिया का दर्जा मिला ।. सर्वप्रथम राष्ट्रगान 27 दिसम्बर 1911में आखील भारतीय शिक्षक संघ सभा में श्री रविन्द्रनाथ टैगोर जी की भांजी सरला जी ने कलकत्ता में गाया था।.दोस्तो कुछ जन समुह का मानना है कि सर्वप्रथम राष्ट्रगान को कांग्रेस के कलकत्ता आधिवेशन में गाया गया था।. हम आपको बताते चले कि भारतीय शिक्षक जन सभा और कांग्रेस का कलकत्ता अधिवेशन दोनो ही एक ही कार्यक्रम दो नाम हैं।. इसका प्रमाण यह है कि सरला जी के राष्ट्रगान प्रस्तुत करते समय उनके सम्मुख कांग्रेस पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष( बिशन नारयण डार) ,अंबिका चरण मजूमदार,भुपेंन्द्र नाथ बोस जैसे दिग्गज नेता उपस्थित थे।.

जार्ज पंचम के स्वागत में गाया था राष्ट्रगान

दोस्तो जार्ज पंचम के स्वागत तथा उनके भारत दौरे के दौरान गाया गया था राष्ट्रगान प्रथम बार।.कहा जाता है कि 1911में ब्रिटेन के माहाराज और भारत के तत्तकालिक सम्राट (किंग जार्ज पंचम) भारत दौरे पे आये थे,तो उनके स्वागत में राष्ट्रगान प्रस्तुत किया गया था।.भारत आने पर इनका भारत के राजमुकूट से राजितलक हुआ था।.
दोस्तो किंग जार्ज पंचम वही शख्स थे,जिनके आदेश पर1833में ब्रिटिश संसद द्वारा एक कानून पारित कर ईस्ट इण्डिया कम्पनी से व्यापार के सारे अधिकार छिन लिये गये थे।.1833 में एक ब्रिटिश पत्रिका के आनूसार ईस्ट इण्ङिया कम्पनी के निदेशक ने कहा कि भारत को एक उद्यौगिक देश कि जगह कृषक देश के रूप में बदल दिया गया हैं।.ताकि ब्रिटेन में बनाये गये सामान को भारत में बेचा जा सके।.किंग जार्ज पंचम का राजतिलक आयोजन कांग्रेस की सोची समझी रणनीति थी।. ताकि किंग जार्ज पंचम भारत हित में अपने फैसले ले सके।. परिणास्वरूप हुआ भी ऐसा।. 20वीं सदी की शुरुआत में कांग्रेस7 करोङ से अधिक प्रतिभागियो के साथ ब्रिटिश औपनिवेेशिक शासन के विरोध में समाने आयी।.कांग्रेस कि स्थापना 28दिस्मबर 1885 में एम. . हय्मु द्वारा कि गई।.


काग्रेंस के बढते जन सहयोग को देखतेे हुए ब्रिटिश प्रशासन ने कांग्रेस को अपना प्रशासनिक सहयोगी बना लिया।.ब्रिटिश सरकार ने भारत शासन को दो भागो में विभाजित किया गया।. ब्रिटिश प्रशासन और देशी रियासत।.ब्रिटिश भारत ब्रिटिश संसद के कानूनो और ओदेशो द्वारा चलाया जाता था ,कर वसूली तथा देशी रियासतो पर प्रशासन करने कार्य काग्रेंस को दिया गया।.यानि सभी प्रशासनिक अधिकार और कानून बनाने का अधिकार अपने पास रखे।.इसी दौरान काग्रेंस पार्टी दो भागो नरम दल और गरम दलमें विभाजित हो गई।.दरासल यह ब्रिटिशस से हाथ मिलाने का नतिजा था।.परन्तु काग्रेंस के दिग्गज नेता तब भी खुश थे।.खूश होने के मुख्य दो कारण थे,पहला कारण देश के प्रत्येक कौने के जन समूह तक पहुंचने का सुअवसर।.दुसरा कारण अब पूर्ण गुलामी की अपेक्षा अब भारतियो के पास स्व्यं के कुछ अधिकार थे।1.नरम दल ने देश में जातिगत और उच्च-नीच के भेदभाव को मिटाने के अथक प्रयाल किये ताकि सब आज़ादी की लडाई में एक साथ- एक जुट हो सके।. 2.गरम दल के नेताओ ने अपने प्राणों की आहुति देकर और देश के दुश्मनो की बलि लेकर भारतीय जन मानस में आग भर दि।.अतः राविन्द्रनाथ टैगोर ने सर्वप्रथम राष्ट्रगान 1919 में आंध्रप्रदेश एक थियोसोफिकल नामक काॅलेज में morning pray के दौरान गाया था।. अतः 24 जनवरी 1950 में जब भारतिय संविधान पर हस्ताक्षर किये जा रहे थे उसी समय जन-गण-मन को एवं वन्दे मातरम् को राष्ट्रगान और राष्ट्रगित की उपाधि दि गयी।.

सम्बधित प्रश्न-उत्तरी

1.प्रशन- राष्ट्रगान कब गाया जाता है?

उत्तर- राष्ट्रगान का गाया जाना एक राष्ट्रीय समर्थन और गर्व का प्रतीक होता है। भारत में राष्ट्रगान "जन गण मन" है और इसे सामान्यत: सुबह 10 बजे के आस-पास समय में स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी संस्थानों, विशेष अवसरों, राष्ट्रीय इवेंट्स आदि में गाया जाता है। इसे राष्ट्रीय विवाद के समय, राष्ट्रीय समारोहों, खेलकूद प्रतियोगिताओं, और आम तौर पर देश के समर्थन में आयोजित किए जाने वाले किसी भी सामाजिक इवेंट में भी सुना जा सकता है।राष्ट्रगान भारत में सार्वजनिक आवश्यकता और समारोहों में गाया जाता है। इसे सामान्यत: सुबह 10 बजे राष्ट्रपति की उपस्थिति में राजपथ, नई दिल्ली में स्थित "राष्ट्रपति भवन" के सामने स्थित राष्ट्रीय स्मारक "इंडिया गेट" पर भी सुनाया जाता है।.

2.प्रशन - राष्ट्रगीत कब गाया जाता हैं?

उत्तर- राष्ट्रगीत भारत में सार्वजनिक समारोहों और इसे समर्थन करने वाले घटनाओं में गाया जाता है। यह विशेषकर स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों, और राजनीतिक कार्यक्रमों में सामान्य होता है। राष्ट्रगीत का उद्दीपन विभिन्न समयों और स्थानों पर हो सकता है, लेकिन सामान्यत: सुबह 10 बजे राष्ट्रपति के सामने होने वाले समारोह में होता है, जैसे कि राष्ट्रपति भवन के सामने नई दिल्ली में।.


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