
परिचय
मित्रों कानून व्यवस्था नियमित रूप से चालने के लिए कांस्टीट्यूशन महत्वपूर्ण किरदार अदा करता है।. यह बात किसी भी देश के संविधान पर लागू होती है।. और समय-समय पर समाज की परेशानियों को देखते हुए संशोधन भी होना जरूरी है।.हालिया दिनों में हमारे भारतीय संविधान में कई संशोधन हुए।.जिसकी वजह से संविधान में अनुच्छेदो की संख्या बढ़ गई।.मगर कुछ अनुच्छेद ज्यो के त्यो ही बने हुए है।.आज के इस आर्टिकल में एक नजर में सम्पूर्ण संविधान को देखेंगे।. फलस्वरूप सीमित समय में प्रतियोगिता की तैयारी सरलता से की जा सकती है।.सम्पूर्ण सहमति से हुआ था निर्माण
दोस्तो आज भी कुछ कम पढ़े लिखे लोग हमे जाति और गरीबी के आधार पर हमे बांटने की कोशिश करते है।.इनमे से कुछ लोग यह भी दावा करते है कि सम्पूर्ण संविधान का निर्माण B.R Ambedkar ने किया।.अर्थात ऐसे लोगो का देश की एक जुटता और सततता से कोई लेना देना नही होता ।.वह स्वयं की बातो को प्रमाणित करने के लिए ये कार्य करते है। इसमें उनका स्वयं का लाभ निहित होता है।.मगर दावे के पीछे छिपे लोगो के बारे में भूल जाते है।.यानी संविधान सभा (जिनमें विभिन्न जातियों के लोग) थें।.कहने मतलब है कि! हमे संविधान सभा के प्रत्येक सदस्य का आदर करना चाहिए ।. इन लोगो को याद करते हुए हम सर्वप्रथम संविधान सभा की प्रमुख समितियो पर नज़र डालते हैं। दोस्तो ये तो समितियों के अध्यक्ष थें।. इसके साथ ही हम अनुमान लगाते है कि प्रति एक समिति में कम से कम 100-150 अन्य सदस्य रहे होंगे।. यानी लगभग 1000 विभिन्न प्रकार के लोगो के सहयोग से हमारे संविधान का निर्माण हुआ हैं।.संविधान सभा की प्रमुख समितियां
संचालन समिति अध्यक्ष : डॉ. राजेंद्र प्रसादसंविधान की संघीय सिमिती के अध्यक्ष पंडित जवाहर लाल नेहरू जी थे।.
प्रांतीय समिति अध्यक्ष : सरदार बल्लभ भाई पटेल
प्रारूप समिति अध्यक्ष : डॉ.भीमराव अम्बेडकर
इसके साथ ही संघ शक्ति सीमित के अध्यक्ष भी देश के प्रथम प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी थे।.
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मौलिक अधिकारों और अल्पसंख्यकों की परामर्श सिमिति के कर्ता धर्ता थे।.
संविधान के सम्पूर्ण भाग एवं अनुच्छेद
भाग 1 संघ एवं उसका राज्य क्षेत्र = अनुच्छेद 1,4 तकभाग 2 नागरिकता = अनुच्छेद 5,11 तक
भाग 3 मौलिक अधिकार = अनुच्छेद 12, 35 तक
भाग 4 नीति निर्देशक तत्व = अनुच्छेद 36,51 तक
भाग 4क मूल कर्तव्य = अनुच्छेद 51क
भाग 5 संघ सरकार से संबंधित = अनुच्छेद 52,151 तक
भाग छह राज्य सरकार के अधिकारों से संबंधित है।(ये अनु o 152 से 237 तक के नियम पढ़े।.
भाग सात में अनुच्छेद 238 निस्तारित है और यह पहली अनुसूची में भाग ख में सम्मलित राज्यो से संबंधित है।.
भाग आठ संघ एवं केंद्र शासित प्रदेश अथवा क्षेत्रो से संबंधित है।. अनु o 239 से 242 तक देखे
भाग 9 पंचायतें= अनुच्छेद 243,243 (क से ग) तक
भाग 9 क नगरपालिकाएं = अनुच्छेद 243 (त) से 243 (य, छ) तक
भाग 9 ख सहकारी समितियां = अनुच्छेद 243 (य ज , य न) तक
भाग 10 अनुसूचित और जन जातियां क्षेत्र = अनुच्छेद 244, 244(क) तक
भाग 11 संघ और राज्यो के बीच सम्बन्ध = अनुच्छेद 245,263 तक
भाग 12 वित्त ,संपत्ति, संविदायें, और वाद = अनुच्छेद 264,300तक
भाग तेरह भारत में व्यापार, महोत्सव, य समागम, वाणिज्य से संबंधित अनु o 301 से 307 तक।.
भाग चौदह :राज्य और संघ के अंतर्गत आने वाली सेवाएं अनु o 308 से 323 तक।.
भाग 14 क अधिकरण = अनुच्छेद 323 क , 323 ख तक
भाग 15 निर्वाचन = अनुच्छेद 324,329 तक
भाग 16 कुछ वर्गो के संबंध में विषय उपबंध अनुच्छेद 330,342 तक
भाग 17 राजभाषा = अनुच्छेद 343,351 तक
भाग 18 आपात उपबंध = अनुच्छेद 352,360 तक
भाग उन्नीस अनु o 351 से 364 तक (प्रसार ,फैलाव , प्रकिर्ण) से संबंधित ।.
भाग 20 अस्थाई संक्रमण कालीन और विशेष उपबंध = अनुच्छेद 369,392 तक
भाग 21 संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिंदी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
अनुच्छेद 393,395तक
उप भाग 9क नागरपालिकएं = अनुच्छेद 243 क , 243 य छ तक
उपभाग नौ ख सरकारी संस्थान संबंधित अनु o 243 ज से 243 य, न तक।.
उपभाग चौदह क,a अनु o 323 से 323 ख तक यह न्याय अधिकार से संबंधित है।.
उपभाग 4क मौलिक कर्तव्य = अनुच्छेद 51भाग 7 पहली अनुसूची के भाग- ख में राज्य के नियमो के अनुसार भाग 7 संविधान संशोधन 1956 निरस्त हो गया है।गणना के आधार पर मित्रो भागो की संख्या 22 बनी हुई है। लेकिन ऊपभाग में नए अनु o जुड़ने के परिणाम स्वरूप इनकी संख्या 25 और सम्पूर्ण अनुच्छेदो की संख्या 395 की जगह 470 हो गई है।जानकारी के अनुसार संविधान लागू होने का दिन 26 january 1950 है। सम्पूर्ण संविधान को तैयार होने में लगभग 18 दिन ,11 माह, 2 वर्ष का सम्पूर्ण समय लग गया।.
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