9b45ec62875741f6af1713a0dcce3009 Indian History: reveal the Past: भारत में क्वांटम मिशन

यह ब्लॉग खोजें

लेबल

in

मंगलवार, 16 मई 2023

भारत में क्वांटम मिशन

quantum-theory-of-light

परिचय

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा इस परियोजना को वर्ष 2020-21 में घोषित किया गया था। तब इस परियोजना को 8000 करोड़ के बजट के साथ पास किया गया था। हाल ही में इस परियोजना को दोबारा से रिलांच किया गया है। जिसके साथ ही भारत ने  क्वांटम कम्प्यूटिंग के क्षेत्र में सातवां स्थान ग्रहण किया । अब तक अमेरिका , चीन,कनाडा ,आस्ट्रेलिया, फिनलैंड,और फ्रांस पहले से ही इस क्षेत्र में अपने कार्यक्रम चला रहे है। इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन अन्य विभागों की साझेदारी के साथ ( विज्ञान एवं तकनीकी मंत्रालय द्वारा किया जाएगा)।.


कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य 

इसका मुख्य उद्देश्य 2023-31 तक quantam कंप्यूटर बनना है। इसके साथ ही शोध और एवं विकास को बढ़ावा देना है। योजना के तहत सुपर कम्प्यूटिंग ,पुतनिक तकनीक जैसे विभिन्न प्लेटफार्म में 8 वर्षो में 50-1000 भौतिक क्यूबिट की क्षमता वाला क्वांटम कंप्यूटर विकसित करने का लक्ष्य है।  परियोजना के तहत देश के भीतर दो हजार किलोमीटर की सीमा में मल्टी नोड क्वांटम नेटवर्क तैयार किया जाएगा। यह क्वांटम प्रद्योगिकी क्वांटम सिद्धांत पर आधारित है। यह परमाणु और उप परमाणु स्तर पर ऊर्जा और पदार्थ की व्यख्या करती है। इसकी सहायता से डेटा और इनफॉर्मेशन को बहुत कम समय में प्रोसेस किया जा सकता है। क्वांटम कंप्यूटर की मदत से कम्प्यूटिंग टास्क को कम से कम समय में पूरा किया जा सकता है।.क्वांटम कंप्यूटर क्वांटम 2 लेवल सिस्टम उपयोग करके जानकारी संग्रहित करता है। जबकि आम कंप्यूटर 0,1 में से किसी एक बाइनरी नंबर पर डाटा संग्रहित करते हैं। जबकि क्वांटम कंप्यूटर 0,1 दो बाइनरी नंबर्स के अलावा o और 1 तीनो प्रकार की स्थिति में डाटा संग्रहित करने में सक्षम होता है। इन्ही कारणों से इसे एडवांस कंप्यूटर या सुपर कंप्यूटर भी कहा जाता है। 



भारत में क्वांटम कम्प्यूटिंग में की गये अन्य शोध


क्यूं सिम tool kit 

27 अगस्त 2021 में भारतीय इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने क्वांटम कंप्यूटर सिम्युलेट टूल किट लॉन्च किया था। यह परियोजना भारत सरकार के इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सहयोग से IISC बैंगलुरु,IIT रुड़की,और सी न्डेक के समन्वय से निष्पादित की गई थी। इस टूल किट को शिधकर्ताओ और छात्र को क्वांटम कम्प्यूटिंग में लागत प्रभावी तरीके से शोध करने में सक्षम बनाने के लिए लांच की गया था। QSIM टूल प्रोग्रामिंग के कौशल के साथ साथ वास्तविक क्वांटम हार्डवेयर को डिजाइन करने के लिए मंच प्रदान करता है। 

क्वांटम कम्प्यूटिंग  नेटवर्क सिस्टम 

दिल्ली में संचार भवन और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान के केंद्रिय कार्यालय के बीच भारत में पहले क्वांटम कम्प्यूटिंग आधारित नेटवर्क  लिंक को विकसित किया गया। दूरसंचार विभाग के मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस प्रणाली के इंक्रिपशन को तोड़ने वाले ईमानदार हैकरो के लिए 10 लाख रुपए तक का पुरस्कार घोषित किया है। CDOT द्वारा विकसित इस सिस्टम को तोड़ने सक्षम किसी भी व्यक्ति के लिए हैकथोन चैलेंज विकसित किया गया है। जिसमे प्रत्येक ब्रेक के लिए 10 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।. 


विशेष

क्वांटम कम्प्यूटिंग आधारित नेटवर्क  की जानकारी भेजने के लिए क्वांटम भौतिकी के सिद्धांतो का उपयोग करता है। जोकि प्रारंपरिक नेटवर्क से अधिक सुरक्षित तरीके से जानकारी भेजने की सुविधा प्रदान करता है। जिससे ट्रांसफर डेटा य संचार को अवरोधित या हैक करना मुश्किल हो जाता हैं। यह तकनीक दूरसंचार उद्योग को फास्ट, अधिक दक्ष , और सुरक्षित संचार की संभावनाएं से लाभान्वित करने की क्षमता रखती है। 

क्वांटम कम्प्यूटिंग की शुरुआत कब हुई


क्वांटम कम्प्यूटिंग की शुरुआत आधिकारिक रूप से 20वीं सदी के बाद में हुई। 1980 के दशक में फिजिकिस्ट और गणितज्ञ रिचर्ड फेयनमैन और डेविड डीउट्च में ने क्वांटम कंप्यूटिंग के सिद्धांतों की शुरुआत की। इसके बाद, 1990 के दशक में पीटर शोर, ल्यूसिफर कोन्त, और डेविड विनेयर जैसे गणितज्ञ ने क्वांटम कंप्यूटिंग के ऐदानिक और अल्गौती दिशाओं की खोज की और इसके सिद्धांतों को मजबूत किया।क्वांटम कंप्यूटिंग का विकास फिजिक्स, गणित, और कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्रों में अहम हुआ है, और इसका प्रमुख उद्देश्य अद्भुत गणना क्षमता और कैलकुलेशन स्पीड की वृद्धि करना है।


भारत में क्वांटम तकनीक पर काम करने वाली संस्थाएं



QANU :-
भारत में एक मात्र भार्तिया कंपनी Q A N U लैब हैं। जो क्वांटम कम्प्यूटिंग पर काम करती है। यह क्लाउड और इंटरनेट के लिए बिना शर्त के सुरक्षा उत्पाद और समाधान प्रदान करती है। कंपनी मुख्य रूप से क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन से संबंधित है जो इनकोडेड क्वांटम बाइट्स के मदत से केवल दो लोगो के बीच क्रिप्टोग्राफिक कुंजी के आदान प्रदान की अनुमति देती है, जिसे QUBIT भी कहा जाता है यह अपने नए स्टार्टअप Q R A N G  यानी क्वांटम रैंडम नंबर जेनरेटर के क्षेत्र में भी काम करने की योजना बना रही है। जो हार्डवेयर में क्वांटम नंबर जनरेटर करने से संबंधित है। और क्वांटम सुरक्षा में इसकी बड़ी भूमिका है। 


2. Automtski

यह लॉस एंजिल्स और बंगलुरू में स्थित रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी है। यह क्वांटम कम्प्यूटिंग सहित कई क्षेत्रों में काम करतीं है। यह कंपनी 2016 में भारत के  बैंगलुरु में आई । यह सर्किट क्वांटम कंप्यूटर ,एडियोबेटिक क्वांटम कंप्यूटर, और एनिलिंग क्वांटम कंप्यूटर में काम करती है। इसके साथ ही यह कंपनी क्वांटम रिलेटेड सॉफ्टवेयर के कई क्षेत्रों में अनुसंधान करती है ताकि विभिन्न क्वांटम कम्प्यूटिंग कंफीग्रेशन का अनुकरण किया जा सके।. 


3. Entanglement partners 

यह एक क्वांटम सूचना और साइबर सुरक्षा कंपनी है यह एक सलाहकार के रूप में कार्य करती है। इसका हेड ऑफिस बार्सिलोना स्पेन में है । इसका भारत में केवल एक रिसर्च सेंटर है। जोकि केरल में अवस्थित है। यह कंपनी गो टू मार्केट,इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्ट्रेटजिक कंसल्टिंग, और वेंचर बिल्डिंग के क्षेत्र में परामर्श सेवाएं देती है।.

कोई टिप्पणी नहीं: