.webp)
परिचय
एक बार फिर जोशीमठ सरकार के नए आदेशों के कारण चर्चा में बना हुआ है।.सरकार ने आदेश जारी करते हुए बताया कि कोई भी उच्चाधिकारी या विशेषज्ञ इस विषय में मीडिया से कोई बात नही करेगा।.साथ ही सरकार ने कुछ मीडिया चैनल को बंद करने की चेतावनी भी जारी की है।.सरकार का मानना है कि कुछ मीडिया चैनल जनता को सांप्रदायिक दंगो और जनता को मिसलीड करने का काम कर रहे है।.ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि वे अपनी मुहीम आगे बढ़ाए।.आंतरिक खबरों को बात करे,तो सरकार को जोशीमठ आपदा संबंधित कुछ उच्चाधिकारियों के और बड़े उद्योग पतियों के नाम मिले है जो इस घटना के मुख्य कारक है,ऐसे में सरकार नहीं चाहती के उनके नाम खुल कर जनता के सामने आए,क्योंकि ऐसा होने पर प्रशासन पर ही उंगलियां उठाई जाएंगी और सरकार का ही नाम खराब होगा।.अन्य मुख्य कारक
मिश्रा कमेटी
2.IAS SHASHIKANT SENTHALI
2019 में इस्तीफा दें ने के बाद लिखते है"मौजूदा दौर में जब हमे विविधता पूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूत पूर्व तरीके से समझौता कर रहे है,ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक है।"
3.IAS ARUNA RAY
जो की एक सामाजिक कार्यकत्री भी रही हैं। 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा"ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती,जिसमें कोई शख्स कुछ सीखे नहीं,लेकिन IAS सेवा ने मुझे वो सिखाया जो मैं सीखना नही चाहती थी।."आगे हम सरकार से उम्मीद करते है की सरकार भविष्य में इन बातो पर जरूर विचार करेगी और देश के अटूट विश्वास को बनाए रखेगी।.
दोस्तो अगर देखा जाए तो सरकार का काम होता है प्रशासन को सुचारू रूप से चलाना और जनता के अधिकारों का संरक्षण करना"लेकिन अगर रक्षक की भक्षक"बन जाए तो जनता कहा जाए।.दोस्तो हमारा इशारा सरकार नहीं सरकारी सिस्टम की ओर हैं दोस्तो हम ये नही कह रहे की कोई सरकार बोहत ही अच्छी है या थी या फिर कोई सरकार बोहत बुरी थी या है।.ये परम सत्य है कि सरकार जनता के अधिकारों का संरक्षण करते हुए अपने अधिकारों का भी संरक्षण करती है। इनमे उद्योगपति द्वारा प्रचार-प्रसार में खर्च किए पैसे के बदले किए वादे भी आते है।.भ्रष्टाचार ये हमारी भारतीय सरकार में ही नहीं पूरे विश्व की सरकारों में मौजूद सबसे बड़ी कमी है,सरकार पूरी कोशिश करती है कि वो अपनी परियोजनाओ के माध्यम से जनता के जन जीवन में सुधार ला सके,मगर कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से परियोजनाओं का लाभ जनता तक नहीं पहुंचता और अंत में सरकार पर आरोप लगाए जाते है कि इतना बजट पास होने के बाद भी मात्र इतनी ही जानता को लाभ मिला।.ईमानदार अधिकारियों द्वारा की गई गलतियां एक उच्चाधिकारी सामान्य तौर पर एक राजनेता से ज्यादा पढ़ा लिखा होता है ऐसे में राजनेता की नीतियों को बारे में उसे पहले से ही पता लग जाता है ऐसे में खामोश रहना ही उनकी सबसे बड़ी गलती है वो ये नहीं सोच पाते की कल उनका या उनके परिवार का भी सदस्य इस समस्या को झेल सकता है।.इस प्रकार ज्यादातर भ्रष्टाचार को बढ़ावा अधिकारियों द्वारा ही दिया जाता है।.आज हम इस लेख के माध्यम से इसी बात को प्रमाणित करने का प्रयास कर रहे है।.जोशीमठ आपदा के मुख्य कारकजोशीमठ आपदा के कारण को जानने की कोशिश में हमे पता लगा कि जांच कमेटी की रिपोर्ट को यह कह के झुठला दिया गया (ये कोई साइंटिफिक रिसर्च नही है)अधिकारियों को चाहिए था अगर साइंटिफिक रिसर्च नही थी तो करवानी चाहिए थी मगर नही करवाई गई।.
जांच कमेटी
दोस्तो किसी भी परियोजना को प्रारंभ करने के लिए जांच कमेटी का बहुत बड़ा योगदान होता है।कमेटी का काम होता है ये पता लगाना की परियोजना में कितना निवेश होगा और कितना लाभ होगा।.साथ ही वे ये भी देखते है कि परियोजना के लिए उस क्षेत्र विशेष का वातावरण,मिट्टी,जलवायु अनुकूल है की नही। ताकि भविष्य में आने वाले जोखिम से निपटा जा सके या कम किया जा सके।.मिश्रा कमेटी
1976 में इस कमेटी का गठन हुआ था। i.अपनी रिपोर्ट में कमेटी ने कहा जोशीमठ की मिट्टी रेतीली है।.ii.जोशीमठ लैंडस्लाइडिंग एरिया में बसा हुआ है।.iii.समुद्र तल से 1800 मीटर की ऊंचाई पे होने के कारण लैंडस्लाइडिंग और भूकंप की संभावने और बढ़ जाती है।iv.अलकनंदा और धोलीगंगा नदिया अपने किनारे को काटती हुई लैंडस्लाइडिंग और भूकंप जैसी घटनाओं को बढ़ावा देती है।.2006 की वर्दियां इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन ऑफ जियोलॉजी की रिपॉर्ट i.रिपोर्ट में बताया गया की उचित जल निकासी का न होना और ब्लास्टिंग,इल कंस्ट्रक्शन,ट्रांसपोर्ट,ड्रिलिंग और बढ़ती जनसंख्या भी इसके कारण हो सकते है।.उपर्युक्त सभी कारणों को जानते हुए भी सरकार ने वहां
1.चारधाम सड़क परियोजना
2.एनटीपीसी का ग्रीन हाइड्रो प्रोजेक्ट
3.Helang marvadi bypass
जैसी बड़ी परिजोजनाओ को बिना किसी साइंटीफिक रिसर्च कराए सहमति दे दी। ये बाते साफ साफ बयान करती है की बड़े अधिकारी खाली अपने जेब गर्म कर रहे है उन्हे परियोजना के चलने न चलने या जनता की कोई परवाह नही है।.इसी प्रकार 2g घोटाले में भी कांग्रेस सरकार पर 2g नीलामी में 2.72 करोड़ के घोटाले का आरोप cag -Vinod Rai की तरफ से लगाया गया।.i.दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया 3 बड़ी कंपनियों पर भी घोटाले के आरोप लगे,1500 पेज की चार्ज शीट तैयार की गई,2g टेलीकॉम कंपनी के लाइसेंस रद्द किए गए,अंत में आरोप ही नही साबित हो पाया सब लोगो को बरी कर दिया गया।.
IAS.RAJAN SINGH 1997 batch
1.2005 में इस्तीफा देने के दौरान उन्होने लिखा की"सिस्टम काम नहीं करता हम इसे फिक्स नहीं कर सकते,सारे लोग लाचार और बेबस दिखते है।.,"नकारे लोगो की पूरी लेयर है।.वे योग्यता और क्षमता से स्तर हीन है।"
1.चारधाम सड़क परियोजना
2.एनटीपीसी का ग्रीन हाइड्रो प्रोजेक्ट
3.Helang marvadi bypass
जैसी बड़ी परिजोजनाओ को बिना किसी साइंटीफिक रिसर्च कराए सहमति दे दी। ये बाते साफ साफ बयान करती है की बड़े अधिकारी खाली अपने जेब गर्म कर रहे है उन्हे परियोजना के चलने न चलने या जनता की कोई परवाह नही है।.इसी प्रकार 2g घोटाले में भी कांग्रेस सरकार पर 2g नीलामी में 2.72 करोड़ के घोटाले का आरोप cag -Vinod Rai की तरफ से लगाया गया।.i.दर्जनों लोगों को गिरफ्तार किया गया 3 बड़ी कंपनियों पर भी घोटाले के आरोप लगे,1500 पेज की चार्ज शीट तैयार की गई,2g टेलीकॉम कंपनी के लाइसेंस रद्द किए गए,अंत में आरोप ही नही साबित हो पाया सब लोगो को बरी कर दिया गया।.
टेलीकॉम जगत की कुछ भारतीय कंपनियां
जैसे एयरसेल,यूनिनॉर,टाटा इंडिकॉम,टाटा डोकोमो,वर्जिन मोबाइल,रिलायंस सीडीएमए,रिलायंस जीएसएम,विडिओकोन कंपनिया भारतीय बाज़ार से गायब हो गई।आखिर ये कंपनिया अगर होती तो सरकार को टैक्स देती निवेश करती सरकार को आगे बढ़ने में मदत करती। घोटाले की आड़ में ये एक अलग ही सबसे बड़ा घोटाला था।.वैसे देखा जाए दोस्तो तो भ्रष्ट कोई भी छोटा बड़ा अधिकारी हो सकता है इस प्रकार कोई भी उच्च अधिकारी सीधा सिध घुस नहीं लेता है।.वो अपने नीचे के अधिकारियों से ये काम करवाता है और घुस मिलने के बाद वो प्रतिशत के हिसाब से सब में बट जाती है।ऐसा देख कुछ ईमानदार अधिकार पूरे सिस्टम को ही भ्रष्ट समझने की गलती कर बैठते क्योंकि भ्रष्ट अधिकारियों का समूह बड़ा होता है। और वे अकेले होते है इस प्रकार के सिस्टम के खिलाफ नहीं जा पाते है।.अंत में भविष्य में कही वे भी भर्ष्टाचारी न कहलाने लगे इसके डर वे अपनी नौकरीयो से इस्तीफा दे देते है क्युकी उनका आत्मसम्मान उनके लिए ज्यादा महत्व रखता है। और हमारी सरकार का देखिए जनाब इस मुद्दे पर कोई जांच कमेटी बैठने का जोखिम तक नहीं उठाती।.दिन ब दिन IAS अधिकारियों के इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आ रही है।आंकड़े लगभग 50 से उपर जाने वाले है आखिर कब सरकार इस पर ध्यान देगी।.IAS.RAJAN SINGH 1997 batch
1.2005 में इस्तीफा देने के दौरान उन्होने लिखा की"सिस्टम काम नहीं करता हम इसे फिक्स नहीं कर सकते,सारे लोग लाचार और बेबस दिखते है।.,"नकारे लोगो की पूरी लेयर है।.वे योग्यता और क्षमता से स्तर हीन है।"
2.IAS SHASHIKANT SENTHALI
2019 में इस्तीफा दें ने के बाद लिखते है"मौजूदा दौर में जब हमे विविधता पूर्ण लोकतंत्र के सभी संस्थान अभूत पूर्व तरीके से समझौता कर रहे है,ऐसे में उनका काम जारी रखना अनैतिक है।"
3.IAS ARUNA RAY
जो की एक सामाजिक कार्यकत्री भी रही हैं। 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा"ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती,जिसमें कोई शख्स कुछ सीखे नहीं,लेकिन IAS सेवा ने मुझे वो सिखाया जो मैं सीखना नही चाहती थी।."आगे हम सरकार से उम्मीद करते है की सरकार भविष्य में इन बातो पर जरूर विचार करेगी और देश के अटूट विश्वास को बनाए रखेगी।.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें